संगठनात्मक ताकत (Strengths)
- छात्रों और स्टाफ के बीच सहयोगात्मक और स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण।
- कॉलेज की पहलों में छात्रों, अभिभावकों और समाज का पूर्ण समर्थन।
- छात्राओं की आवश्यकता होने पर सहायता के लिए महिला परिचारिकाओं की उपलब्धता।
- एक प्रभावी करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ।
- सरकार की योजनाओं जैसे प्रतिभा किरण, गाँव की बेटी, विक्रमादित्य, अल्पसंख्यक और पोस्टमेट्रिक छात्रवृत्तियों का सफल कार्यान्वयन।
- सक्रिय एंटी-रैगिंग, महिला उत्पीड़न और शिकायत निवारण प्रकोष्ठ।
- 2015 में शुरू की गई ऑनलाइन प्रवेश प्रणाली, जो सभी पाठ्यक्रमों में योग्यता आधारित प्रवेश सुनिश्चित करती है।
- आईक्यूएसी (IQAC) द्वारा अनुसंधान संगोष्ठियों और गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन।
- वर्चुअल क्लासरूम और 2016 से बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली उपलब्ध।
- बाहरी खेलों के लिए खेल के मैदान और आरयूएसए (RUSA) वर्ल्ड बैंक योजनाओं से प्राप्त अनुदान।
संगठनात्मक कमजोरियां (Weaknesses)
- छात्रों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त कंप्यूटरों की कमी।
- 12वीं योजना के उपयोग प्रमाण पत्र जमा करने के बावजूद, यूजीसी (UGC) से अनुदान प्राप्त नहीं हुआ।
- सभी विभागों में अधिक आईसीटी (ICT) सक्षम कक्षाओं की आवश्यकता।
- अर्ध-शहरी क्षेत्र में स्थित होने और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों में अंग्रेजी बोलने में कम प्रवाह।
- कई स्थायी संकाय पदों का अभी तक सरकार द्वारा भरा जाना बाकी है।
संगठनात्मक अवसर (Institutional Opportunities)
- छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर नागरिक बनाना।
- समय-समय पर अपशिष्ट प्रबंधन, महिला उद्यमिता, मानवाधिकार, कैशलेस अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में यूजीसी द्वारा प्रायोजित संगोष्ठियों का आयोजन।
- छात्रों के लिए नौकरी-उन्मुख कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे कुकिंग और बेकिंग, फैशन डिजाइनिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, जूडो-कराटे आदि का आयोजन।
- छात्रों के लिए करियर मेले, प्लेसमेंट गतिविधियाँ और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग आयोजित करना।
- कॉलेज को यूजीसी की 12वीं योजना, आरयूएसए और वर्ल्ड बैंक परियोजनाओं के तहत धन प्राप्त हुआ है।
- परिसर के अंदर लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास उपलब्ध हैं।
संगठनात्मक चुनौतियाँ (Institutional Challenges)
- तहसील क्षेत्र में स्थित होने के कारण छात्रों में अंग्रेजी भाषा में कम प्रवाह।
- छात्रों की संख्या के अनुपात में अधिक कंप्यूटर प्राप्त करके छात्र-कंप्यूटर अनुपात को सुधारने की आवश्यकता।
- कई स्थायी संकाय पदों का अभी तक सरकार द्वारा भरा जाना बाकी है।